लक्ष्य - व्यास पीठ और शासन तंत्र का शोधन व म्लेच्छों से पूर्ण मुक्ति। हिंदुत्व की आड़ में फर्जी ह

9 जुलाई 2023 का आलेख


 कागजों की ढाल बनाकर आप तलवारों से मुकाबला नहीं कर सकते।


भारत में 29 राज्यों में से 20 में वर्तमान में गौ हत्या या बिक्री को प्रतिबंधित करने वाले विभिन्न नियम हैं।

केरल, पश्चिम बंगाल, गोवा, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा ऐसे राज्य हैं जहां गौ हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है।


अब यह बताइए कि जिन 20 राज्यों में गौ हत्या पर प्रतिबंध है वहां गाय नहीं कटती है क्या? कानून तो बन गया, उसका पालन हुआ क्या?



नाबालिगों के यौन शोषण पर कड़े कानून बने हैं क्या छोटी-छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म होना बंद हो गए? कानून तो बन गया, उसका पालन हुआ क्या?


दहेज उत्पीड़न के कठोर कानून बने, क्या दहेज प्रथा बंद हो गई? उल्टा यह हुआ कि निर्दोष लड़कों के परिवार को ही इसमें फसाया जाने लगा। खुल्लम खुल्ला कानून का दुरुपयोग हो रहा है। कानून तो बन गया, उसका पालन हुआ क्या?


देश से अपराध को खत्म करने के लिए अंग्रेजों ने पुलिस एक्ट अधिनियम के अंतर्गत एक बड़ी फोर्स का निर्माण किया, आज भी पुलिस बल रहते हुए कितने अपराध पर नियंत्रण हुआ? उल्टे अपराध और अपराधियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही चली गई।


सिविल और जिला सत्र न्यायालय उच्च न्यायालय तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा कितने लोगों को न्याय दिया जाता है? सवा तीन करोड़ से अधिक मुकदमे तो पेंडिंग पड़े है यहां। यदि 24 घंटे अदालत चला दी जाए और जजों की संख्या चौगुनी कर दी जाए तो इन्हें ही न्याय देते-देते 400 साल बीत जाएंगे.


भ्रूण हत्या कानून पर कठोर दंड का प्रावधान है। गर्भ में बच्चियों को नहीं मारा जा रहा क्या? क्या भ्रूण परीक्षण होने बंद हो गए?


हिंदुओं का धडल्ले से धर्मांतरण हो रहा, उनकी लड़कियां उठाई जा रही, उनके मंदिर तोड़े जा रहे हैं, तीर्थ स्थानों को पिकनिक स्पॉट बनाया जा रहा हैं, उनके त्योहारों पर गोलियां चला दी जाती है, लाठियां चला दी जाती है, धर्म गुरुओं को लाठी-डंडों से सरेआम पीट कर मार दिया जाता है, अब तक ना जाने हिंदुओं के कितने नरसंहार हो चुके हैं, किसी पर कोई कार्यवाही नहीं होती! संविधान में वर्णित कौन सा कानून हिंदुओं के जीवन और उनके अधिकारों की रक्षा कर पाया?


हिन्दू समाज को समझना होगा कि, अब कौन सा कानून आपकी रक्षा कर लेगा? किसी भी बात पर आप जो पागलों की तरह उछलने लगते हो। थोड़ी देर बैठ कर अपने मस्तिष्क का भी थोड़ा प्रयोग कर लिया करो कि भविष्य में हम कितने सुरक्षित होंगे?


अब कहेंगे कि इतना लंबा पोस्ट लिख दिए लेकिन समाधान बताएं क्या? अरे भाई बहुत लोगों को तो समाधान से ही समस्या है? और समाधान गुप्त बैठक और चर्चाओं में बताए जाते हैं सोशल मीडिया के खुले मंच पर नहीं!


कागजों की ढाल बनाकर आप तलवार से मुकाबला नहीं कर सकते.


अमित सिन्हा

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