लक्ष्य - व्यास पीठ और शासन तंत्र का शोधन व म्लेच्छों से पूर्ण मुक्ति। हिंदुत्व की आड़ में फर्जी ह

16 नवम्बर 2023

 छः वर्ष पूर्व की व्यथा और चिंता आज और विकराल रूप ले चूकी है ।


यह कौन सा भारत है जहां 50 लाख स्त्रियां वेश्यावृत्ति के दलदल में प्रत्यक्ष रुप से फंसी हैं...? क्या देश के समस्त उद्योगपतियों, मीडियातंत्र, न्यायतंत्र तथा राजनेताओं की यही योजना है कि पूरे भारत को प्रौश-इंडिया बना दें.!


मै युवा पीढ़ी से कहना चाहता हूं कि यदि मैंने व्याख्यान में अपनी मर्यादा को पार किया है तो यह मेरी विवशता है, मुझे कोई शौक नहीं कि मैं ऐसे विषयों का चयन करू जो मैं अपनी मां-बहनों के समक्ष ना कह पाऊं...!! फिर भी यदि कोई गलती हुई हो तो क्षमा चाहूंगा. 


आचार्य चाणक्य ने कहा था कि "सब कुछ छोड़कर पहले अपने घर की स्त्रियों को बचाओ" हे भारत की स्त्रियां अब आपको कोई नहीं बचाने वाला. आपको अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी क्योंकि पुरुषों का एक विशाल वर्ग बिक चुका है. वह वासना के गहरे भंवर में गोता लगा चुका है. उसे चमड़ी और दमड़ी के सिवा तीसरा कुछ भी नहीं दिखता.


 मैं बार बार कहता हूं कि राष्ट्र का शत्रु हमारे विनाश के लिए जिन योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं. हम तो उसकी चर्चा करने में भी शर्माते हैं, मालूम है क्यों शर्माते हैं? क्योंकि हम मर्यादाओं की सीमा में रहने वाले लोग हैं. 

हां..! यह हमारा दुर्भाग्य अवश्य है कि हम दूसरे को भी मर्यादावादी समझते हैं और यही हमारी सबसे बड़ी भूल है.


 लक्ष्मण के पास अपनी मर्यादा थी. त्रेतायुग का समाज इस स्थिति में नहीं था कि एक देवर अपनी भाभी को यह कह सके की "आप इस रेखा को ना लांघे" नहीं तो कोई रावण आप को उठा ले जाएगा. बल्कि उन्होंने मर्यादा में रहते हुए माता सीता से यह कहा की "भाभीश्री आप इस रेखा को मत लांघना नहीं तो आप संकट में आ जाओगी". आज भी हमारा समाज अपनी बहन बेटियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा पाने में असमर्थ है. वह खुल कर समाज के दानवी स्वरूप को उनके सामने कह नहीं पाते.


अतः समय आ गया है कि हम अपनी बहन बेटियों को समाज में घूम रहे दरिंदों और हैवानों से बचने के लिए उन्हें खुल कर बताएं कि आखिर समाज में क्या हो रहा है...!! कैसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) का व्यापार जोर-शोर से चल रहा है. दरिंदों की नजर में पहली शिकार 13 से लेकर 19 वर्ष की लड़कियां होती हैं. इन्हें शिकार बनाने के लिए शत्रु हर प्रकार के हथकंडे अपनाता है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते...! वह आपको प्रेमजाल में फंसाकर भी वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेल सकता है.आपको लगेगा कि प्रेम में आपको धोखा मिला किंतु यह उसका एक प्रोफेशन है जो कम उम्र की बच्चियों को कभी समझ में नहीं आता.


आप कितनी भी दलील दे लीजिए है किंतु सत्य यही ही है कि "युगो-युगो से जब जब किसी सीता ने लक्ष्मण रेखा लांघी है तब तब कोई ना कोई रावण उसे हरण करके ले गया.

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